Bawasir ka ilaj aur bawasir ki dawa।

बवासीर का इलाज चाहते है तो घबराइए मत, अभी जाने बवासीर का समाधान। hemorrhoids treatment.


बवासीर की बिमारी आजकल के समय में एक आम बीमारी बन चुकी है। सचमुच आज बवासीर एक बहुत बड़ी समस्या बन गया है। बवासीर का को जड़ से ख़त्म करने का दावा तो हर कोई करता है, परन्तु यह दावा खोखला तब साबित होता है जब बवासीर से पीड़ित मरीज की समस्या और बढ़ जाती है। इसलिए हम bawasir ka ilaj  का  कोई ऐसा दावा नहीं करते जिससे आपकी बवासीर कुछ ही समय में ख़त्म हो जाएगी।
 सच में दोस्तों बवासीर का इलाज कुछ ही दिनों में होना(केवल सर्जरी को छोड़ कर ) नामुनकिन है। इसके इलावा बाजार में कुछ टेबलेट आपको मिल जाएगी जो आपके बवासीर से खून के स्त्राव को बंद कर सकता है।   
जरूर पढ़े :- बवासीर क्या है और बवासीर के लक्षण। 

बवासीर के इलाज के लिए कुछ घरेलू नुस्खे,बवासीर का घरेलू उपाए  :-

इन नुस्खों से बवासीर तो ख़त्म नहीं होंगी, परन्तु बवासीर से होने वाले दर्द से छुटकारा पाने में यह नुस्खे बहुत असरदायक है। आगे हम आपको बवासीर के इलाज का तरीका भी बताएंगे।
 भोजन में परिवर्तन : क्यूंकि आप बवासीर से पीड़ित है, इसलिए आपको अपने भोजन में कुछ परिवर्तन करना होगा।  आपको अपने भोजन में अधिक फाइबर वाला भोजन शामिल करना होगा। आपको भोजन में फल और सब्जियां शामिल करना होगा।  

पानी अधिक पीना : आपको पानी अधिक मात्रा में पीना होगा। पानी के कारण हमारे शरीर में मौजूद मल नर्म हो जायेगा,जिससे मलत्याग करते समय आपको कठनाई का सामना ना करना पड़ेगा।

 प्रतिदिन टॉयलेट जाना : प्रतिदिन टॉयलेट द जाने के कारण हमारा मल कठोर हो जाता है। मल त्याग करते समय, कठोर बल के कारण, मलत्याग करने में  परेशानी होती है। कठोर मल के कारण बवासीर की त्वचा फट जाती है, और बवासीर से खून आने लगता है।

प्रतिदिन व्यायम करना: पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए आपको प्रतिदिन व्यायाम करना जरूर चाहिए। व्यायाम करने से मल त्याग की प्रक्रिया बिल्कुल ठीक रहती है।

 बवासीर की दवा, bawasir ki dawa :-

O.T.C दवाएं: आप ओवर-द-काउंटर दवाएं किसी भी डॉक्टर के पास से ले  सकते है। इन दवाओं में क्रीम, दर्द निवारक, मलहम शामिल होता है। यह दवाएं बवासीर वाली त्वचा को नर्म कर देती है और सूजन को भी कम करती है।

 इन दवाओं को लगातार हफ्ते तक नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से हमारे गुदाद्वार की त्वचा पतली हो सकती है।

 सर्जिकल विकल्प 

 बैंडिंग: बेंडिंग में डॉक्टर रोगी के गुदाद्वार में एक प्रोक्टोस्कोप डालता है। इससे रक्त बहने की प्रकिर्या 15 दिनों में समाप्त हो जाती है।

इंजेक्शन (स्क्लेरोथेरेपी): इसमें डॉक्टर रक्तस्त्राव को रोकने के लिए इंजेक्शन लगाता है। बवासीर को ख़त्म करने में यह प्रक्रिया बहुत कम उपयोग में लायी जाती है। 

जमावट: इस प्रक्रिया में लेजर लाइट की मदद से रक्तस्रावी ऊतक को जलाया या खत्म किया जाता है। जमावट प्रक्रिया के कुछ साइड इफेक्ट भी है। 
आशा करता हूँ आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी हो अपनी राय देने के लिए जरूर कमैंट्स करें। 

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