जोड़ो के दर्द का इलाज और गठिया का इलाज।


Jodo ke dard ka ilaj aur gathiye ka ilaj.

Jodo ke dard ka ilaaj, तथा गठिया ( gathiya ka ilaj) ठीक प्रकार से करवाना कौन नहीं चाहता। आज के जमाने में जोड़ो का दर्द(jodo ka dard ),तथा गठिया एक बड़ी समस्या बन गयी है। आज बहुत से लोग घुटने के दर्द से निजात पाना चाहते  है। घुटने के दर्द का इलाज के लिए लोग बहुत सारे ऑपरेशन करवाते है, परन्तु  यह ऑपरेशन बहुत महंगे होते है।
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आज में आपको घुटनों का  दर्द को दूर करने तथा गठिया का इलाज करने के कुछ टिप्स बताऊंगा।टिप्स जानने से पहले, हमें यह जानना होगा आखिर हमारे घुटनों में दर्द क्यों होता है(ghutno me dard kyu hota)है । 
तो आइए जानते हैं, घुटने का दर्द क्यों होता है और यह कितने प्रकार के होते हैं;
घुटनो का दर्द तथा गठिया कई प्रकार के होते है, जैसे-:
  1. पेटेलोफेमोरल सिंड्रोम
  2. गाउट
  3. ऑस्टियोआर्थराइटिस
  4. सेप्टिक आर्थराइटिस
  5. रयूमेटायड अर्थराइटिस

1.पेटेलोफेमोरल सिंड्रोम क्या होता है ?

यह सिंड्रोम युवा लोगों में अधिक होता है। हमारे घुटनो में पटेला नामक छोटा सा हिस्सा होता है। पेटेलोफेमोरल सिंड्रोम की बीमारी में  इसी जगह दर्द होता है। अक्सर खेल-कूद, भागदौड़, में अचानक पटेला पर भार पड़ने से ghutne ka dard होने लगता है। पेटेलोफेमोरल सिंड्रोम ( Patellofemoral syndrome)  में घुटने के दर्द का इलाज  संभव है, जो हम आगे आपको बताएँगे।

1.1पेटेलोफेमोरल सिंड्रोम का उपचार,पेटेलोफेमोरल गठिया का इलाज:

इस सिंड्रोम का इलाज के लिए पीड़ित को अधिक से अधिक आराम करने दें। रोगी को कोई भी ऐसा काम ना करने दें, जिसके कारण घुटनो पर दबाव पड़े। रोगी के घुटने के दर्द का इलाज के लिए बर्फ को उसके घुटने पर रखें। अगर दर्द असहनीय हो तो डाक्टर के पास जाए।

2.गाऊट क्या है, गाउट गठिया क्या होता है?

गाऊट, यह भी घुटने के दर्द  की वज़ह है। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तब गाउट नामक  समस्या पैदा होती है। यूरिक एसिड (Uric acid)की मात्रा जब हमारे शरीर में बढ़ती है, तब हमारे शरीर में एक  क्रिस्टल(Crystal) बनता है जो घुटनो को प्रभावित करता है। ऐसी स्तिथि में हमारे घुटनो में भयानक दर्द होता है और  हमारे घुटनो में सूजन आ जाती है। गाउट का दर्द इतना भयानक होता है कि हमारा चलना मुश्किल हो जाता है।

2.1गाउट गठिया के लक्षण, gout gathiya ke lakshan:

गाउट की पहचान पैर की उंगलियों से की जाती है, क्यूंकि घुटने के दर्द  से पहले पैर की उंगलियों में सूजन तथा दर्द होने लगता है।

2.2गाउट में ghutne ke dard ka ilaj:

गाउट में,  घुटने के दर्द का इलाज संभव  नहीं है, परन्तु कुछ ऐसे उपाए है जिससे घुटने के दर्द को कम किया जा सकता है।

2.3गाउट गठिया के लिए घरेलू उपचार:

आपको ऐसी चीज़े खानी चाहिए, जिससे हमारे शरीर में यूरिक एसिड(Uric acid)की मात्रा कम  हो सके और हमें ऐसा भोजन खाना चाहिए, जिससे शरीर में बने क्रिस्टल(Crystal) को खत्म किया जा सके।जैसे:-
हरी सब्जियाँ (पालक, मेथी इत्यादि )
अनाज (गेहूं, चावल इत्यादि )
समुद्री भोजन(समुद्री मछलिया-शार्क, ऑक्टोपस  )

3.ऑस्टियोआर्थराइटिस क्या है,ऑस्टियो गठिया क्या है?

हमारी हड्डियों के जोड़ो में कार्टिलेज(Cartilage) नाम का ऊतक पाया जाता है। यह ऊतक(Tissue) काफ़ी मजबूत होते है। इन ऊतकों का काम दो हड्डियों को आपस में जोड़ना होता है। शारीरिक चोट या हड्डियों के आपस में रगड़ के कारण जब इन उतको को क्षति पहुंचती है तब हड्डियों के जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है। इसे ऑस्टियोआर्थराइटिस(Osteoarthritis)कहते हैं।

3.1ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण:-

थोड़ी सी शारीरिक मेहनत के बाद जोड़ों में दर्द शुरू होना।
ऑस्टियोआर्थराइटिस वाली जगह पर सूजन होना।
ऑस्टियोआर्थराइटिस वाली जगह को घुमाने में  दर्द होना।

3.2ऑस्टियोआर्थराइटिस का उपचार, गठिया का इलाज :

ऑस्टियोआर्थराइटिस का भी कोई उपचार नहीं है, परंतु कुछ ऐसे टिप्स है, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस के प्रभाव को कम किया जा सकता है.

3.3ऑस्टियोआर्थराइटिस के प्रभाव को कम करने के टिप्स:-

  • ऐसा कोई भी कार्य ना करें,जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस से प्रभावित जगह पर भार पड़े।
  • ऑस्टियोआर्थराइटिस से निजात पाने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करें।
  • अपने शरीर का वजन घटाने की कोशिश करें, ऐसा इसलिए, क्योंकि अधिक शारीरिक भार के कारण जोड़ों पर अधिक वजन पड़ता है।

4.सेप्टिक आर्थराइटिस क्या है, सेप्टिक गठिया क्या है?

यह गठिया आमतौर पर बैक्टीरिया( Bacteria)द्वारा संक्रमण के कारण होता है, इसके अलावा यह वायरस(Virus) के कारण भी हो सकता है। अब तो रथ का सबसे अधिक यह घुटनों के जोड़ों को प्रभावित करता है।

4.1सेप्टिक आर्थराइटिस के लक्षण, सेप्टिक गठिया के लक्षण:

  • कमजोरी महसूस होना।
  • तेज बुखार होना।
  • ठंड लगना।
  • गठिया से प्रभावित जगह पर तेज दर्द होना।
  • गठिया से प्रभावित जगह पर सूजन होना।

4.2सेप्टिक आर्थराइटिस का इलाज, गठिया का इलाज:

जैसा कि हम जानते हैं, सेप्टिक गठिया बैक्टीरिया तथा वायरस के संक्रमण(Infection) के कारण होता है, इसलिए सब ठीक गठिया का इलाज के लिए एंटीबायोटिकAntibiotic का उपयोग किया जाता है। इसके लिए रोगी को अस्पताल जाना पड़ता है। इस संक्रमण के कई प्रकार हो सकते हैं। इसलिए डॉक्टर इनकी की पहचान करते हैं। सेफ्टी घटिया के लिए विभिन्न प्रकार की दवाइयां दी जाती है।

5.रयूमेटायड अर्थराइटिस क्या है, रयूमेटायड गठिया क्या है।

रयूमेटायड(Rheumatoid) एक प्रकार का गठिया है। रयूमेटायड गठिया में दर्द बहुत असहनीय होता है। बुजुर्गों को यह गठिया बहुत अधिक प्रभावित करता है। परंतु आजकल युवाओं में भी आजकल आजकल बहुत अधिक मात्रा में पाया जा रहा है।

5.1रयूमेटायड अर्थराइटिस के लक्षण, रयूमेटायड गठिया के लक्षण:

  • जोड़ों की जगह गांठ बन जाना।
  • थकान महसूस होना।
  • जोड़ों में सूजन होना।
  • प्रभावित जगह की त्वचा का लाल हो जाना।

 अर्थराइटिस का उपचार,रयूमेटायड गठिया का इलाज:

  • प्रभावित जगह पर गर्म कपड़े से सेकना।
  • योगासन करना।
  • व्यायम करना।
  • प्रभावित जगह पर तेल से मालिश करना।
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