क्या है पथरी ?
आज हमारे देश में पथरी एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है विशेष कर उत्तर भारत के लोगो में यह बीमारी बहुत अधिक पाई जाती है।आइये जाने क्या है पथरी ?पथरी हमारे शरीर के गुर्दे और पिशाब की नली में होती है। इसे अंग्रेजी में kidney stone भी कहतें है।हमारे शरीर में कुछ कण मूत्रमार्ग के पास रुक जाते है, और व मूत्रमार्ग से नही जा पाते । इन कणों को पथरी कहते है।पथरी का आकार रेत के दाने जितना होता है।
पथरी कई केमिकल से बनती है। पथरी केल्शियम, यूरिक एसिड,ऑगजेलेट्स, से बनती है। कई बार गलत दवाइयों के लगातार सेवन करने से भी पथरी होती है।
असंतुलित भोजन और कुछ विटामिनो की कमी के कारण कुछ कण हमारे मूत्र मार्ग में मिल जाते है। यह कण मूत्रमार्ग में रुकावट पैदा करते है ।इस रुकावट के कारण मूत्र करने पर जलन,दर्द होता है,जिस कारण से पिशाब खुल कर नही आता है।
1.बहुत ही मसालेदार भोजन का सेवन करने से पथरी होती है।
2.दूध का अधिक मात्रा में पीना या दूध से बने मिठाई को ज्यादा खाना भी पथरी का कारण है ।
3.पानी बहुत कम पीना या अधिक मेहनत के बाद शरीर में पानी की कमी को पूरा न करना।
4.कम मेहनत करना या आलस्य भरपूर जीवन जीना ।
5.अधिक चाय, कॉफ़ी को पीना।
6.पिशाब लगने पर पिशाब को रोकना।
7.पथरी कर कारण हमारा पिशाब गाढ़ा हो जाता है।
1.पथरी होने पर रोगी का जी मचलाने लगता है।उसे कई बार उल्टी आने लगता है।
2.पथरी होने पर रोगी के कमर के पास दिन में कई बार
असहनीय दर्द होता है। यह दर्द कभी भी हो सकता है।
3.ठंड लगने के साथ-साथ बुखार हो जाता है ।
4.पिशाब के साथ खून आना।
5.बार बार पिशाब करने की इच्छा होना।
6.कमर में दर्द होना।
7.पिशाब का रंग पीला और गंदा हो जाता है पिशाब से गंदी बदबू आती है ।
8.पथरी का दर्द रह रह कर आता है । इसके दर्द की तीव्रता घटती,बढ़ती है।
1.जामुन का सेवन करना ।
2.आंवला को खाना, किडनी के पथरी को गलाने में आंवला बहुत उपयोगी है। आंवले के चूर्ण को मूली के साथ खाने से पथरी गल जाती है।
3.कुल्थी दाल का पानी पीना ।
4. नारीयल पानी को पीना।
5. बेल के शर्बत पीने से पथरी गलती है।
6. पत्थर चट्टा के पत्ते को खाना।
7.मास, मछली, और अंडे को खाना नही चाहीये।
8.कोल्डड्रिंक, फ़ास्ट फ़ूड, पालक,शकरकंद, बादाम,बीज वाले फल और सब्जिया नही खानी चाहिए।
9.दवा लेते समय डॉक्टर को पथरी के बारे में बता कर दवा ले क्योंकि कुछ दवाइयां ऐसी भी है जो पथरी को बढ़ाती है।
10. होमियोपैथिक डॉक्टर से इलाज करवाए।
कैसे होती है पथरी ?
असंतुलित भोजन और कुछ विटामिनो की कमी के कारण कुछ कण हमारे मूत्र मार्ग में मिल जाते है। यह कण मूत्रमार्ग में रुकावट पैदा करते है ।इस रुकावट के कारण मूत्र करने पर जलन,दर्द होता है,जिस कारण से पिशाब खुल कर नही आता है।
पथरी के कारण:
2.दूध का अधिक मात्रा में पीना या दूध से बने मिठाई को ज्यादा खाना भी पथरी का कारण है ।
3.पानी बहुत कम पीना या अधिक मेहनत के बाद शरीर में पानी की कमी को पूरा न करना।
4.कम मेहनत करना या आलस्य भरपूर जीवन जीना ।
5.अधिक चाय, कॉफ़ी को पीना।
6.पिशाब लगने पर पिशाब को रोकना।
7.पथरी कर कारण हमारा पिशाब गाढ़ा हो जाता है।
पथरी के लक्षण:
2.पथरी होने पर रोगी के कमर के पास दिन में कई बार
असहनीय दर्द होता है। यह दर्द कभी भी हो सकता है।
3.ठंड लगने के साथ-साथ बुखार हो जाता है ।
4.पिशाब के साथ खून आना।
5.बार बार पिशाब करने की इच्छा होना।
6.कमर में दर्द होना।
7.पिशाब का रंग पीला और गंदा हो जाता है पिशाब से गंदी बदबू आती है ।
8.पथरी का दर्द रह रह कर आता है । इसके दर्द की तीव्रता घटती,बढ़ती है।
पथरी का इलाज:
2.आंवला को खाना, किडनी के पथरी को गलाने में आंवला बहुत उपयोगी है। आंवले के चूर्ण को मूली के साथ खाने से पथरी गल जाती है।
3.कुल्थी दाल का पानी पीना ।
4. नारीयल पानी को पीना।
5. बेल के शर्बत पीने से पथरी गलती है।
6. पत्थर चट्टा के पत्ते को खाना।
7.मास, मछली, और अंडे को खाना नही चाहीये।
8.कोल्डड्रिंक, फ़ास्ट फ़ूड, पालक,शकरकंद, बादाम,बीज वाले फल और सब्जिया नही खानी चाहिए।
9.दवा लेते समय डॉक्टर को पथरी के बारे में बता कर दवा ले क्योंकि कुछ दवाइयां ऐसी भी है जो पथरी को बढ़ाती है।
10. होमियोपैथिक डॉक्टर से इलाज करवाए।
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